सूर्य की चमक है जैसी,
ऐसा तुम प्रकाश बनो।
हर मुश्किल में हर बढ़ा में,
पुष्पों का तुम हर बनो !
तोड़ न पाये जिसको कोई,
ऐसा तुम विश्वास बनो !
देश की रक्षा की खातिर,
वीरों के तुम हाथ बनो !
किस्मत में लिख दो अपनी जीत,
ऐसा तुम आशीर्वाद करो।
अपनी हस्त लकीरो का तुम,
स्वयं ही निर्माण करो !
अगर पथ में है शिला कोई,
तो तुम दिवार बनो !
जीवन संघर्ष का लगा तिलक,
इस जीवन से तुम संघर्ष करो !
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