चल साधो कोई देश
यहाँ का सूरज डूबा जाए-2
यहाँ की नदियाँ प्यासी हैं
यहाँ घनघोर उदासी है-2
यहाँ के दिन भी जले-जले
यहाँ की भोर भी बासी है
चल साधो कोई देश
यहाँ का सूरज डूबा जाए
साध सक जो साध लिया
अब बचा है आधा दिन
ये पल भी अब काट ले पगले
अंगूरी पर गिन-गिन -2
कौन करे यहाँ सूरज रखवाली रे -2
रात बहुत है काली आने वाली रे
चल साधो कोई देश
यहाँ का सूरज डूबा जाए
की मन यहाँ से उबा जाय
चल साधो कोई देश
यहाँ का सूरज डूबा जाए
किसे बात करेगा साधु
किस पर करे भरोसा
चिड़ियों को नहीं दाना-पानी
गिद्धों ने भोज परोसा -2
नदी की रेत पे उगवाई है झारी रे -2
बस्ती-बस्ती बजती खली थाली रे
चल साधो कोई देश
यहाँ का सूरज डूबा जाए
की मन यहाँ से उबा जाय
चल साधो कोई देश
यहाँ का सूरज डूबा जाए
आग लगी भाई साधु झोपड़िया
कोई ने उसको बुझाये
उसी आग से जलाके बिड्डी
धुवाँ वही उड़ाए -2
मल के राख बजाये हाथ से ताली रे-2
कौन सुने अब बात फकीरो वाली रे
चल साधो कोई देश
यहाँ का सूरज डूबा जाए-2
की मन यहाँ से उबा जाय-2
साधु-साधु-साधु................................
0 Comments