नींद बहुत आती है पढ़ते-पढ़ते………
माँ होती तो कह देता, एक प्याली चाय बना दे।।
थक गया जली रोटी खा-खा कर,
माँ होती तो कह देता, परांठे बना दे।।
भीग गयी आँसुओं से आँखें,
माँ होती तो कह देता, आँचल दे।।
रोज वही कोशिश करता खुश रहने की,
माँ होती तो मुस्कुरा लेता।।
देर रात हो जाती है घर पहुँचते-पहुंचते
माँ होती तो वक्त से घर लौट जाता।।
सुना है कई दिनों से वो भी नही मुस्कुराई,
मजबूरियां न होती तो घर चला जाता
बहुत दूर निकल आया हूँ घर से अपने
वो तेरे सपनों की परवाह न होती....
तो बस चला आता।।
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