मैं हूं पेड़ मुझे मत काटो!
टुकड़ों - टुकड़ों में मुझे मत बाँटो ||
दर्द मुझे भी होता है...
मन मेरा भी रोता है ।
मैं हूं मित्र तुम्हारा
सखा हूं सबसे न्यारा!!!
मेरे फल खुद नहीं खाता हूं..
सब तुम्हें ही तो दे जाता हूँ!!
जहरीली गैस भी पी जाता हूँ...
शुद्ध हवा तुम तक पहुंचाता हूँ!!!
सूरज का भी ताप सहू
मैं हूं जीवन का आधार...
फिर भी तुम मुझ पर करते प्रहार!!!
सुनो बात तुम कान लगा कर
वृक्षों का करना सम्मान...
मैं हूं जीवन का आधार!!!!
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