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भारत माँ अपना दिल न दुखा ..जिन्दा हैं तेरे लाल अभी | स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी कविता | Hindi Poem on Independence Day

independence day poem in hindi



ज़िंदा हैं तेरे लाल अभी

भारत मां अपने हाथों में
यूँ ही जय ध्वज थामे रखना
तुझ पर न्योछावर होने को
सीना ताने तैयार यहाँ
हिम्मत किसकी जो छू भी दे
सीमा पर हूँ बन ढल अभी
भारत मां अपना दिल न दुखा
जिंदा हैं तेरे लाल अभी

तू गीत सुना मां वो जिसमें
वीरों की खुशबू आती है
गाते गाते जिनको अक्सर
तेरी आंखें भर आती हैं
हम उन्ही वीर के वंशज हैं
है वही जोश और प्यार अभी
भारत मां अपना दिल न दुखा
जिंदा हैं तेरे लाल अभी

मुझे बहती नदियाँ तेरे
उड़ते आँचल सी लगती है
इस मिटटी का हर कण जैसे
तेरे अंगों को रचती है
कितने ही तेरी गोदी में
हैं भगत सिंह आज़ाद अभी
भारत मां अपना दिल न दुखा
जिंदा हैं तेरे लाल अभी

सीमा पर मेरा देख कहर
फिर देख ज़रा पीछे मुड़कर
खेतों में लहराती फसलें
आती होगी खुशबू उड़कर
हम चूम रहे मां अम्बर को
बाकी है और कमाल अभी
भारत मां अपना दिल न दुखा
जिंदा हैं तेरे लाल अभी

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