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जल संरक्षण पर कविता | Poem On World Water Day | जल संरक्षण पर कविता हिंदी में

जल संरक्षण पर कविता हिंदी में


एक बार सोच के देख जरा, क्या जल बिन तुम जी पाओगे?
तरस जाओगे बूँद-बूँद को, अगर जल को व्यर्थ बहाओगे।
 
कब तक देखोगे तुम, जल की बर्बादी के तमाशे,
जब जल खत्म हो जाएगा, मरोगे तुम प्यासे-प्यासे।
 
सुख रही हैं नदियाँ, नाले, जलस्तर भी गिर रहा है,
आँख खोल कर देख जरा तू, जल संकट से घिर रहा है। 

आज नहीं संभले तो कल, रोओगे-पछताओगे। 
तरस जाओगे बूँद-बूँद को, अगर जल को व्यर्थ बहाओगे।

जल बिना जग सुना है, जल ही अनुपम धन है। 
जल बिना जीवन न होगा, जल ही तो जीवन है। 

अपने बच्चों के हिस्से का जल, तुम व्यर्थ बहा रहे,
आने वाली नस्लों के लिए, कैसे दिन तुम ला रहे। 

तरस जाओगे बूँद-बूँद को, अगर जल को व्यर्थ बहाओगे।

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