कंगना तेरे बोल का नहीं तनिक भी मोल
बोलने से पहले खूब ले तू तोल
दिग्दर्शन इतिहास का पहले ही तू खोल
अक्षर अक्षर शब्द शब्द मन ही मन में घोल
स्वाधीनता संग्राम के हैं अनंत कथा अनमोल
गांधी नेहरू सरदार भगत सिंह,
अंबेडकर आजाद हीरो हैं बिस्मिल
टिप्पणी करने के अभी नहीं बनी काबिल
तेरे सिनेमाई अदाओं
अर्द्ध नग्न फोटो खिंचाओ से
न मिली है
न मिल सकती है
कभी कोई आजादी?
कान खोलकर सुन शहजादी!
बड़े तमगे आनर इस देश ने ही तुझे दिए हैं
फिर कैसे तूने आजादी पर सवाल खड़े किए हैं?
आजादी को मिली भीख में कह दिए हैं!
शर्म करो ,आजादी के नायकों का कद्र करो शर्मनाक कथन से बचो!
बोलने से पहले अंतरात्मा को टटोलना
तोलना मोलना फिर कहीं कुछ बोलना
आजादी की कीमत तू क्या जानेगी
आने वाली नस्लें तुझे बता देंगी
ऐसी गलती कभी न दुहराना
करोड़ों भारतीयों के दिल न दुखाना
वरना पड़ जाएगा पछताना!
0 Comments