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कोशिशकर, हल निकलेगा हिंदी कविता। Koshish Kar Hal Niklega Hindi Kavita। उत्साह बढ़ाने वाली हिंदी कविता

कोशिशकर, हल निकलेगा,Koshish Kar Hal Niklega,उत्साह बढ़ाने वाली कविता


कोशिशकर, हल निकलेगा,

आज नही तो, कल निकलेगा।


अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा,

मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा।


मेहनत कर, पौधों को पानी दे,

बंजर में भी फिर, फल निकलेगा।


ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,

फौलाद का भी, बल निकलेगा।


सीने में उम्मीदों को, ज़िंदा रख,

समन्दर से भी, गंगाजल निकलेगा।


कोशिशें जारी रख, कुछ कर गुज़रने की,

जो कुछ थमा-थमा है, चल निकलेगा।


कोशिशकर, हल निकलेगा,

आज नही तो, कल निकलेगा।



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