पत्थर तोड़ रहा मजदूर
थक के मेहनत से है चूर
फिर भी करता जाता काम
श्रम की महिमा है मशहूर
मेहनत से न पीछे रहता
कभी काम से न ये डरता
पार्वत काट बनाता राह
नव निर्माण श्रमिक है करता
नदियों पर ये बाँध बनाता
रेल पटरियां यही बिछाता
श्रम की शक्ति से मजदूर
कल कारखाने भवन बनाता
खेत में करता मेहनत पूरी
पाता है किसान मजदूरी
कतराता जो भी है श्रम से
उसे घेरती है मजबूरी |
x..........................................................................................x.......................................................................................................................x
#Tags: पत्थर तोड़ रहा मजदूर,पत्थर तोड़ रहा मजदूर कविता,पत्थर तोड़ रहा मजदूर हिंदी कविता, Patthar Tod Raha Majadoor kavita, Patthar Tod Raha Majadoor Hindi kavita,मजदूर दिवस पर कविता, श्रमिक दिवस पर कविता, Mazdoor Diwas Par Kavita, Poem on Labour Day Hindi, मजदूर पर कुछ कविताएँ, मज़दूर दिवस पर कविता, मजदूर दिवस पर शायरी, श्रमिक दिवस पर शायरी, मजदूर दिवस पर स्लोगन, labour day quotes in hindi
0 Comments