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सरस्वती पूजा पर निबंध | Essay On Saraswati Puja | Essay On Basant Panchami | बसंत पंचमी पर निबंध

सरस्वती पूजा पर निबंध


माता स्वरस्वती के बिना ज्ञान है अधूरा,
और ज्ञान के बिना मनुष्य है अधूरा ।

रस्वती पूजा का त्योहार बसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है यह हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती जी की पूजा की जाती है। देवी सरस्वती जी ज्ञान तथा विद्या की देवी हैं। उन्हें माँ शारदा तथा हंसवाहिनी एवं अन्य कई नामों से भी जाना जाता है।


सरस्वती पूजा विद्यार्थियों का सबसे लोकप्रिय त्यौहार होता है। यूह त्यौहार सभी स्कूल तथा कॉलेजों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन माता सरस्वती जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है और सभी विद्यार्थी व शिक्षक मिलन कर माता सरस्वती की वंदना करते हैं।


इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते है तथा अपने घरों में भी माँ सरस्वती की पूजा करते ही यह त्यौहार मुख्यतः भारत नेपाल, बांग्लादेश तथा अन्य देशों में भी मनाया जाता है। इस दिन छोटे बच्चों को पेन पेन्सिल पकड़ाने की रस्म भी की जाती है


इस दिन सभी लोग माता सरस्वती से शांति, समृद्धि, बुद्धि व सफलता की कामना करते है।


जिस प्रकार ज्ञान से ही सबका विकास संभव है, ठीक उसी प्रकार माता सरस्वती के आशीर्वाद के बिना हम सच्चे ज्ञान को प्राप्त नहीं कर सकते। हम माता सरस्वती से विनती करते है कि हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।


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