HOT!Subscribe To Get Latest VideoClick Here

Ticker

6/recent/ticker-posts

अगर पेड़ भी चलते होते | Agar Ped Bhi Chalte Hote | डॉ. दिविक रमेश

अगर पेड़ भी चलते होते | Agar Ped Bhi Chalte Hote | डॉ. दिविक रमेश


अगर पेड़ भी चलते होते
कितने मजे हमारे होते
बांध तने में उसके रस्सी
चाहे जहाँ कहीं ले जाते

जहाँ कहीं भी धूप सताती
उसके नीचे झट सुस्ताते
जहाँ कहीं वर्षा हो जाती
उसके नीचे हम छिप जाते

लगती भूख यदि अचानक
तोड मधुर फल उसके खाते
आती कीचड-बाढ क़हीं तो
झट उसके उपर चढ ज़ाते

अगर पेड़ भी चलते होते
कितने मजे हमारे होते

Post a Comment

0 Comments

close