बांट दिया इस धरती को,
चाँद सितारों का क्या होगा
नदियों के नाम रखें,
बहती धारों क्या होगा?
और शिव की गंगा भी पानी है,
अबे जम जम भी पानी है
मुल्ला भी पिए पंडित भी पिए,
पानी का मजहब क्या होगा?
और इन फिरकापरस्तों से पूछो,
क्या सूरज अलग बनाओगे?
एक हवा में सांस है सबकी,
क्या हवा भी नहीं चलाओगे?
नस्लों का करें जो बंटवारा,
रहबर वो कौम का ढोंगी है
और क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था
या राम ने मस्जिद तोड़ी है…
2 Comments
Superb
ReplyDeleteAmazon kya baat kahi
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