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एक भी आँसू न कर बेकार जाने कब समंदर मांगने आ जाए! पास प्यासे के कुआँ आता नहीं है यह कहावत है, अमरवाणी नहीं है और जिस के…
देवता थे वे, हुए दर्शन, अलौकिक रूप था देवता थे, मधुर सम्मोहन स्वरूप अनूप था देवता थे, देखते ही बन गई थी भक्त मैं हो गई …
नये वर्ष में नयी फसल के ढेर अन्न का लग जाता है। यह धरती है उस किसान की। नहीं कृष्ण की, नहीं राम की, नहीं भीम की, सहदेव,…
जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है तूफ़ानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ है जिसने सोने को खोदा लोहा मोड़ा है जो रवि के रथ का …
बदनाम रहे बटमार मगर, घर तो रखवालों ने लूटा मेरी दुल्हन-सी रातों को, नौ लाख सितारों ने लूटा दो दिन के रैन बसेरे की, हर च…
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार आज सिन्धु ने विष उगला है लहरों का यौवन मचला है आज ह्रदय में और सिन्धु में साथ उठा…
द्रव्य नहीं कुछ मेरे पास फिर भी मैं करता हूँ प्यार रूप नहीं कुछ मेरे पास फिर भी मैं करता हूँ प्यार सांसारिक व्यवहार न ज…
राह में मुश्किल होगी हजार, तुम दो कदम बढाओ तो सही, हो जाएगा हर सपना साकार, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। मुश्किल है प…
ऊँचे पहाड़ पर, पेड़ नहीं लगते, पौधे नहीं उगते, न घास ही जमती है। जमती है सिर्फ बर्फ, जो, कफ़न की तरह सफ़ेद और, मौत …
आप कहते हैं सामने एक पेड़ है चलिए मैं माने लेता हूँ कि सामने एक पेड़ है हालाँकि जो नहीं है आप कहते हैं सामने एक न…
हाकिम को इक चिट्ठी लिक्खो, सब के सब और उसमे बस इतना लिखना, लानत है इस से बढकर उस पर लानत क्या होगी बोल रहा है बच्चा-बच्…
तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आँकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है उधर जम्हूरियत ढोल पीटे जा रहे हैं…
कोई दीवाना कहता है,कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है मैं तुझसे दूर कैसा हूँ,तू मुझसे दूर कैसी है…
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