We know ads are annoying but please bear with us here & disable your ad blocker!
आज पानी गिर रहा है, बहुत पानी गिर रहा है, रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है, अब सवेरा हो गया है, कब सवेरा हो ग…
सतपुड़ा के घने जंगल। नींद मे डूबे हुए से ऊँघते अनमने जंगल। झाड़ ऊँचे और नीचे, चुप खड़े हैं आँख मीचे, घास चुप है, कास चु…
पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँचे बन जाओ। सागर कहता लहराकर, मन में गहराई लाओ।। समझ रहे हो क्या कहती है, उठ-उठ गिर-…
युग-युग से है अपने पथ पर, देखो कैसा खड़ा हिमालय। कभी न अपने प्रण से, रहता प्रण पर अड़ा हिमालय। जो-जो भी बाधाएँ आईं, …
यहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते, काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियां भी अधखिली, मिली हैं कंटक-कुल से, वे प…
मैं हूं पेड़ मुझे मत काटो! टुकड़ों - टुकड़ों में मुझे मत बाँटो || दर्द मुझे भी होता है... मन मेरा भी रोता है । मैं हू…
पेड़ लगाओ, पेड़ लगाओ, हरा भरा जीवन बनाओ | छाया ये हमको देते हैं, फल ये हमको देते हैं | बाढ़ से हमको बचाते हैं, प्र…
जानकीनाथ और प्रभावती के पुत्र, सुभाष चंद्र थे स्वाधीनता सेनानी, आओ आज सुनाऊँ सबको मैं, सुभाष बोस की कहानी। माता पिता की…
गणित न होता, तो हम होते, दुनिया से अनजान। गणित लगाकर घर बनते है, बनते है परिधान। गणित लगाकर खेती होती है, फिर बनते पकव…
अपने ह्रदय में रखना, खुशी का दीप जलाकर सुखदाता को रखना तूँ, अपना साथी बनाकर सुख दुख का ये खेल, सदियों से चलता आया किए ह…
उ न सभी सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को समर्पित जो आए दिन आम आदमी को अपनी बत्तमीजी और घमंड से परेशान करते रहते है और उ…
राह में तू ना बिखरना... लक्ष्य से तू ना विचलना... देखती है तुझको मंजिल तू बस उसी की ओर चलना शूल पंक सब ख़ास ही हैं …
कोशिशकर, हल निकलेगा, आज नही तो, कल निकलेगा। अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा, मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा। मेहनत कर, प…
कांटों से भरे मिलेंगे ये रास्ते, जरा फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाना...! सफल होते देख व्यक्ति को गिराने के लिए, तैयार बैठा है…
माह जनवरी 26 को हम सब गणतंत्र मनाते हैं और तिरंगे को फहराकर गीत खुशी के गाते हैं। संविधान आजादी वाला, बच्चों! इस दिन आय…
Copyright © 2022 ArvindPoetry All Right Reseved
Social Plugin